ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। रं रं रं राक्षसान्तं सकलदिशयशं रामदूतं नमामि ॥ १॥ ओम नमो आदेश गुरु का। गिरह-बाज नटनी का जाया, चलती बेर कबूतर खाया, पीवे दारू खाय जो मांस, रोग-दोष को लावे पांस। कहां-कहां से लावेगा ? गुदगुद में सुद्रावेगा, बोटी-बोटी में से लावेगा, चाम-चाम में https://vashikaran95059.blogsvila.com/32598540/detailed-notes-on-hanuman-shabar-mantra